लेखनी कहानी -30-Oct-2022
उड़ान (कहानी)
उड़ान अपने आप मे ही एक खुबसूरत शब्द है।लेकिन इसमें जीवन का सार छिपा है। क्योंकि सपने हर व्यक्ति दिखता है।वास्तव में जिसके
सपनों में जान होती है,वही सही उड़ान ले पता है।
यह कहानी प्रगति की है, उसने बचपन से ही बहुत ऊंचे सपने थे।
उसका जन्म उत्तर-प्रदेश के एक छोटे कस्बे के, मध्यमवर्गी परिवार में उसका जन्म हुआ।
बेटे की चाह में उस परिवार में चार बेटियां हो गई। प्रगति दूसरे नंबर लड़की थी।
शुरुआत से ही बहुत चंचल संभव की थी। तेज़ नज़र ,सांवला रंग और तीव्र बुद्धि थी।
चारों बहनों में सबसे अलग व्यक्तिव था। कुछ अलग करने की चाह थी।
सरकारी स्कूल,कॉलेज से स्नातक पूरा किया।
उसकी बड़ी बहन की शादी दिल्ली में हो गई
अब उसकी शादी की बात होने लगी। सांवला रंग होने के कारण कोई अच्छा रिश्ता ही नहीं आता और पिता के पास धन भी नहीं था।
लेकिन उसकी जीवन में एक ही जिद थी वह कभी समझोते भरी जिंदगी नहीं जीऐगी।
उसने दिल्ली जाने का फैसला कर लिया। अपनी दीदी के पास रह कर एक स्कूल में नौकरी कर ली।जो तनख्वाह मिलती उससे नौकरी के बाद कंप्युटर कोर्स पूरा किया।कुछ कारणों से दीदी का घर भी छोड़ना पड़ा।दिल्ली में बहुत रिश्तेदार थे। सबके बहुत दरवाजे खटखटाने के बाद पता चला सब एक मतलब के रिश्तेदार है।
दोस्तो की मदद से गुडग़ांव में उसकी कॉल सेंटर में नौकरी लग गई। उधर पास में ही एक सहेली के साथ मिल कर, एक कमरें वाले घर में जीवन की शुरुआत हुई।
लेकिन उसकी जिंदगी में एक पिलर था?उसकी दीदी, जो हर पल उसके साथ थी।
उसकी जिंदगी में एक लड़का आया जिसने उसके पंखों को उड़ान दी। फिर तो वह आसमान में ऐसी
उड़ी कि जिसको रोकना मुश्किल था।
आज वही लड़की जिसको लोग करते थे? इसकी शादी नहीं हो पाएगी? ये कुछ नहीं कर पाएगी ?
आज वही लड़की उसने उन सभी के मुँह पर तमाचा मार दिया।
आज दिल्ली में अपना हेल्थ सेंटर चलाती है नौकरी करती नहीं,आज वो नौकरी देती है।
दोस्तो एक बात कहना चाहूँगी जिंदगी में सपने देखे ज़रूर देखे ।ये सपने ही जीवन में हमें आगे बढ़ाते हैं।ये सपने ही तो जो उड़ने की चाह पैदा करते हैं। यही सच्ची उड़ान हैं।
एकता सिंह "मंजू"
दिल्ली
Gunjan Kamal
23-Nov-2022 08:06 AM
यथार्थ
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